भारत सरकार के संयुक्त सचिव ने बनबगौद, बासीखई चेकडैम, डोकाल और मुरूमसिल्ली जलाशय में देखा जल संऱक्षण और संवर्द्धन का काम

 


 


स्थल निरीक्षण कर जिले में जलशक्ति अभियान की प्रगति देखी

धमतरी।पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव  नीलेश कुमार शाह ने तीन दिवसीय प्रवास के दौरान जल संरक्षण संवर्द्धन एवं संचयन का काम देखने के उद्देश्य से जिले के विभिन्न ग्रामों का दौरा कर स्थल निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कलेक्टर  पी.एस. एल्मा के साथ नगरी विकासखण्ड के ग्राम बनबगौद, बासीखई में चेक डैम तथा ग्राम डोकाल में अमृत सरोवर के तहत संरक्षित किए गए तालाब का अवलोकन किया। साथ ही डोकाल के वन विभाग के विश्राम गृह में तैयार की जा रही नर्सरी का अवलोकन किया, तदुपरांत बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव मुरूमसिल्ली जलाशय में ब्रिटिशकालीन सायफन तकनीक से तैयार किए गए बांध से रू-ब-रू हुए।


संयुक्त सचिव श्री शाह ने दोपहर को गंगरेल रेस्ट हाउस में अधिकारियों की बैठक लेने के उपरांत नगरी विकासखण्ड के ग्राम बनबगौद (कुकरेल) पहुंचे, जहां वर्ष 2020-21 में तैयार किए गए चेक डैम का अवलोकन एवं निरीक्षण किया। इस दौरान स्थानीय सरपंच  मिनेश कुमार ध्रुव ने बताया कि उक्त चेक डैम के बन जाने से आसपास के क्षेत्र में जलस्तर में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि पहले पानी के लिए 200 फीट से अधिक गहरा बोर उत्खनन कराना पड़ता था, अब इसके निर्माण के बाद सिर्फ 80-100 फीट की गहराई में पानी निकल आता है। ग्रामीण  सत्तूराम साहू ने बताया कि यह चेक डैम ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हुआ है। खरीफ सीजन में क्षेत्र में पानी की किल्लत दूर हो गई और प्रति एकड़ धान की पैदावार में वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ किसानों के सब्जीवर्गीय खेती भी ली जा रही है। इसके उपरांत अधिकारियों का दल ग्राम बासीखई के समीप नवनिर्मित मिनी चेकडैम का अवलोकन कर इसके फायदे के बारे में पूछा। बताया गया कि पहले अक्टूबर-नवम्बर माह में फसल पकने के लिए पानी की काफी किल्लत होती थी, जबकि अब इसके बन जाने से खेतों की मिट्टी में नमी बनी रहती है और किसानों को पानी के लिए परेशानी नहीं होती।

इसके उपरांत संयुक्त सचिव एवं कलेक्टर ने ग्राम डोकाल में अमृत सरोवर योजना के तहत किए गए तालाब गहरीकरण का काम देखा तथा उन्होंने तालाब किनारे पौधरोपण भी किया। इसके बाद उन्होंने डोकाल के शासकीय वन विश्राम गृह में आंवला, शीशम, काजू, अमरूद सहित विभिन्न प्रजाति की नर्सरी का अवलोकन किया। तत्पश्चात् ब्रिटिशकालीन बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव (मुरूमसिल्ली) बांध का अवलोकन किया। इस दौरान जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया गया कि यह सायफन पद्धति से निर्मित एशिया का पहला जलाशय है जहां विशेष तकनीक से जलभराव के दबाव से गेट आॅटोमेटिक खुलते व बंद होते हैं। श्री शाह ने अन्य तकनीकी बारीकियों से रू-ब-रू हुए। इस अवसर पर प्रशिक्षु डीएफओ  ग्रीष्मी चांद, राज्य तकनीकी सलाहकार प्रियंका सोनवर्षा, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता  ए.के. पालड़िया, डीआईओ  उपेन्द्र चंदेल सहित अधिकारीगण मौजूद रहे।


          

0/Post a Comment/Comments

और नया पुराने