मित्रता दिवस विशेष:पद का बंधन तोड़ जब विधायक हर वर्ष मित्रता धर्म निभाकर पेश करती हैं मिसाल

 



सबंधों की पवित्रता, सहजता, स्वीकार्यता ही सच्ची मित्रता है:रंजना साहू

धमतरी।प्रतिवर्ष अगस्त माह के पहले रविवार को मित्रता दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है।इस मित्रता दिवस पर विधायक रंजना साहू अपने बचपन की मित्र रोहिणी से मिलने जब पहुंची तो वह क्षण काफी भावना प्रधान था। मानवीय संवेदना से ओतप्रोत एवं गौरवन्वित करने वाला होते हुए समाज के सारे विभेदो को मिटाने का सार्थक संदेश देते हुए यह बता दिया कि दोस्ती के लिए जाति,धर्म,अमीर-गरीब,उँच-नीच, छोटा-बडा का कोई भेद नही होता। जब क्षेत्र के शीर्षस्थ जनप्रतिनिधि होने के बाद भी सादगी ,सरलता व सामान्य व्यक्ति की तरह अपनत्व व प्रेम के साथ श्रीमती साहू कक्षा छठवीं एवं सातवीं के स्कूली जीवन मे शिव सिंह वर्मा शासकीय कन्या माध्यमिक शाला मे अध्ययनकाल की सहपाठी कोष्टापारा निवासी रोहिणी से उनके घर पहुंच उनसे मिलकर फ्रेंडशिप डे की बधाई देते हुए दोस्ती के इस पवित्र बंधन को हमेशा निभाने की बात कही।


रोहिणी ने भी भावुकतापूर्ण स्वर व रूधेकंठ से कहा कि आज के युग में जब व्यक्ति पद, पैसे व प्रतिष्ठा के अहकांर के मद मे चूर-चूर होकर सारे संबंधों को भूल कर दुनिया की चकाचौंध मे मदहोश हो जाता है ,ऐसे में एक विधायक के रूप में रंजना साहू यदि सरलता के साथ अपने बचपन के मुझ जैसे समान्य अपने मित्र को याद कर स्वयं आकर फ्रेंडशिप डे के अवसर पर मित्रता का पवित्र रस्म निभाने यदि मिलती है तो वह वास्तव में दोस्ती की एक अद्भुत मिसाल व उनकी बड़प्पनता है यह मेरे लिए गर्व का विषय है कि मेरी सहेली आज क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रही है मैं हमेशा उनकी खुशहाली व उत्तरोत्तर उन्नति की भगवान से प्रार्थना करती हूं और लोगो से हमेशा कहती हूँ कि सच्चा दोस्त हमेशा ऐसा ही हो। वही रंजना साहू ने भी कहा सबंधों की पवित्रता, सहजता, स्वीकार्यता ही सच्ची मित्रता है, जिसे आज लोग स्वार्थ के चलते खत्म कर रहे हैं। फ्रेंडशिप डे का अवसर हमें हमेशा दोस्ती की मिसाल व संबंधों की पवित्रता को कायम रख इसे निभाने की सीख देता है । पद तो आज है कल नही रहेगा लेकिन दोस्त तो जीवन-पर्यन्त रहेंगे।

 गौरतलब है कि विधायक होते हुए भी रंजना साहू द्वारा समय-समय पर अपने बचपन के मित्रों के साथ मेलजोल रखते हुए हमेशा उनके सुख-दुख में सहभागिता निभाते रही है और उनके यही भाव आज भी उन्हें सभी से व्यक्तिगत रूप से जोड़ कर रखे हुए हैं।



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