द्रोणांचल पर्वत, शेषनाग व कछुआ का समुद्र मंथन में है विशेष योगदान : पं. शारदा प्रसाद दुबे

 


कलयुग में श्रीमद् भागवत कथा का रसपान ही मुक्ति का मार्ग : रंजना साहू


गृह निवास बिरेतरा में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा का रसपान की विधायक रंजना साहू ने


धमतरी।अखिल कोटी ब्रह्मांड नायक श्री कृष्ण जी की कृपा प्रसाद से श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का आयोजन  ग्राम बिरेतरा में हो रहा है, जहां पर कथा व्यास महाराज पंडित शारदा प्रसाद दुबे जी द्वारा भगवान श्री कृष्ण के कथा का वाचन कर रहे हैं।इस पावन अवसर पर कथा का रसपान करने के लिए विधायक रंजना साहू अपने गृह ग्राम में पहुंची, जहां पर उन्होंने सर्वप्रथम भगवान श्री कृष्ण एवं व्यासपीठ को प्रणाम किए व कथावाचक पंडित दुबे जी से आशीर्वाद लिया। कथा ज्ञान अमृत में पंडित शारदा प्रसाद दुबे ने अपने मुखारविंद से समुद्र मंथन की कथा कहते हुए कहा कि देवताओं एवं राक्षसों के द्वारा अमृत प्राप्ति के लिए समुद्र का मंथन किए जिसमें द्रोणांचल पर्वत, शेषनाग व कछुआ का समुद्र का मंथन होने में विशेष योगदान रहा , जब असुर और देवता समुद्र का मंथन करते हैं तो उससे विभिन्न प्रकार की आलौकिक वस्तुएं और देवी देवता निकलती है और अंत में अमृत निकलता है।


 कथा श्रवण करने के उपरांत समस्त श्रोताओं को विधायक ने कहा कि अपने जीवन में काम क्रोध लोभ अहंकार जैसे विकारों को नाश करते हुए अपने जीवन में सदाचारी जीवन व्यतीत करें, आज समाज में नशापान एक अभिशाप है जिससे हमें दूर रहना है, और नशापान को समाप्त करने के लिए आगे बढ़ना है। श्रीमती साहू ने आगे कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने असुरों का संहार करने के लिए श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिए, उन्होंने अनेक असुरों को संहार कर उन्हें मुक्ति दिए, उसी तरह इस कलयुग में मुक्ति का एक मार्ग सिर्फ श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करना एवं कथा को आत्मसात करना है। जिला पंचायत सदस्य दमयंती साहू,जनपद सदस्य जागेश्वरी साहू एवं धनेश्वरी साहू ने महाराज  से आशीर्वाद लेकर कथा का रसपान किया।




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