ग्रामीण स्वावलंबन की मिसाल: मछली पालन से बने आत्मनिर्भर
धमतरी (मीडिया ट्रस्ट ऑफ इंडिया)।
संकल्प से बदली तस्वीर
कुशल राम कभी खेती पर पूरी तरह निर्भर थे, लेकिन सिंचाई के सीमित साधनों ने उनकी कृषि आय को सीमित कर रखा था। उन्होंने 2022-23 में मनरेगा के तहत निजी भूमि पर तालाब निर्माण के लिए आवेदन दिया। जिला पंचायत धमतरी से प्रशासकीय स्वीकृति के बाद 100 दिवस का रोजगार भी मिला और तालाब तैयार हो गया।
मछली पालन से बढ़ी आमदनी
तालाब निर्माण के बाद कुशल राम ने मत्स्य विभाग से मार्गदर्शन लेकर मछली पालन शुरू किया। पहले ही वर्ष में उन्हें 15 हजार रुपये से अधिक की आमदनी हुई। अब उनकी वार्षिक कमाई 20 से 30 हजार रुपये तक पहुंच गई है। यह आय उनके लिए केवल आर्थिक संबल नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की पहचान बन चुकी है।
गांव के युवाओं के लिए प्रेरणा
कुशल राम मरकाम ने केवल अपने जीवन में बदलाव नहीं लाया, बल्कि वे गांव के युवाओं के लिए भी एक प्रेरक आदर्श बन गए हैं। वे कहते हैं,
"अगर सरकार की योजनाओं का सही लाभ लिया जाए तो कोई भी ग्रामीण बेरोजगार नहीं रह सकता।"
कुशल राम मरकाम की इस सफलता ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी योजनाएं, जब मेहनत और दृढ़ निश्चय से जुड़ती हैं, तो ग्रामीण भारत में भी समृद्धि का रास्ता खुल सकता है।
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