मनरेगा से सविता मरकाम बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल

 119 दिन का रोजगार पाकर संवारी जिंदगी

धमतरी, 15 जुलाई 2025।
धमतरी जिले के ग्राम पंचायत घुरावड़, विकासखंड नगरी की रहने वालीसविता मरकाम ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 119 दिनों का रोजगार प्राप्त कर न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूती दी, बल्कि गांव की अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन गईं।

सविता मरकाम एक सामान्य ग्रामीण महिला हैं, जिनका परिवार खेती और दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर था। पहले उन्हें मजदूरी के लिए गांव से बाहर जाना पड़ता था। लेकिन जब गांव में मनरेगा के तहत काम प्रारंभ हुआ तो उन्होंने श्रमिक पंजी में नाम दर्ज करवाया और लगातार परिश्रम करती रहीं।

उन्होंने वर्ष 2024 में भूमि सुदृढ़ीकरण और तालाब गहरीकरण जैसे कार्यों में भाग लिया, वहीं 2025 में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण से जुड़े कार्य में काम करते हुए कुल 119 दिन तक रोजगार प्राप्त किया। सविता को योजनांतर्गत नियमित मजदूरी मिलती रही, जिससे उन्होंने अपने बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और घर खर्च बेहतर तरीके से पूरा किया। साथ ही, कुछ राशि बचत खाते में जमा कर आत्मनिर्भरता की दिशा में भी कदम बढ़ाया।

सविता मरकाम कहती हैं:

"पहले मजदूरी के लिए दूर जाना पड़ता था, अब गांव में ही काम मिल रहा है। मनरेगा ने हमें गांव में सम्मान के साथ रोजगार दिया है।"

ग्राम पंचायत घुरावड़ के सरपंच महेश राम नेताम और रोजगार सहायक दीपक कुमार जैन का कहना है कि सविता जैसी महिलाएं ही ग्रामीण विकास की रीढ़ हैं। उनके प्रयास से अन्य महिलाएं भी प्रेरित हो रही हैं।

सविता मरकाम का यह सफर बताता है कि यदि अवसर और संसाधन मिलें, तो ग्रामीण महिलाएं भी आत्मनिर्भरता की मिसाल बन सकती हैं। शासन की योजनाएं, पंचायत की सक्रियता और श्रमिकों का परिश्रम मिलकर ग्रामीण बदलाव की सशक्त कहानी लिख रहे हैं।

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