VDO आलोर की पहाड़ियों में स्थित लिंगेश्वरी गुफा का खोला गया द्वार



*माता के दर्शन के लिए हजारो की संख्या मे उमड़ी श्रद्धालु की भीड़*


*साल मे एक ही बार  एक दिन के लिए खुलता है गुफा का द्वार*


रामकुमार भारद्वाज
*कोण्डागांव*  फरसगांव ब्लाक के ग्राम आलोर की पहाड़ी में स्तिथि माँ लिंगेश्वरी मंदिर जो साल में एक बार एक दिन के लिए ही खोला जाता है इस मन्दिर के द्वार को लिंगेश्वरी मंदिर समिति के लोगो द्वारा सुबह 3 बजे विधिविधान पूर्वक पूजा के बाद खोला गया जिसमें समिति के लोगो ने नये चावल आटे के साथ चौतरा बना कर पट खोला गया मंदिर समिति के पांच व्यक्तियों के द्वारा पद चिन्ह देखा गया पद चिन्ह में हाथी के पाँव और सर्प के रेंगने के निशान पाये गए समिति के बताये अनुसार जिस ओर पद चिन्ह के संकेत होते है उसी ओर उसके परिमाण दिखाई देते है हाथी के पद चिन्ह उत्तर दिशा की ओर पाये गये  देश के साथ साथ क्षेत्र में सुख शान्ति खुशहाली धन धान्य से भरपुर होने के संकेत देता है सांप का निशान पहली बार देखने को आया है इस विषय कुछ कह पाना सम्भव नही है । 
मानता के अनुरूप माता जी के स्नान करने वाले घाट का पानी लाकर स्नान कराया गया और घी, तेल लगाने के पश्चात लाल तुस कपडा, श्रंगार सामग्री से श्रृंगार कर माईजी को चम्पा फुल अर्पित कर दीप जलाकर खीर और आटे का प्रसाद चढ़ाया गया पुजारियो द्वारा विधिवत पुजा अर्चना के पश्चात क्षेत्र की सुख शांति खुशहाली और भक्त जनो की मन्नत पुरी करने के लिए पुजारियो द्वारा माँ से विनती कर चांदी के बने लिंग को मंदिर के मुख्य द्वार पर स्थापित कर पुजा के बाद भक्त जनो के दर्शन के लिए खोला गया तदपश्चात विवाहित जोड़ा प्रसाद के रूप में खीरा ( ककड़ी ) चढ़ाया और पुजारी द्वारा पुजा कर उसे विवाहित जोड़ो की झोली में दिया जाता है जिसे विवाहित जोडो ने नाख़ून से फाड़ कर उसी पहाड़ी पर बैठकर प्रसाद ग्रहण किया गया ।

*एक दिन पूर्व ही भक्तों का आना हुआ शुरू*
आलोर मन्दिर खुलने के एक दिन पुर्व से भक्तो का यहाँ आना शुरू हो चुका था । गुफा मन्दिर के खुलते ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरू हो गई जिसमे अनेक राज्यो और स्थानीय राज्य के कोने कोने से श्रद्धालु पहुचे और कतार में खड़े होकर माई के गुफा मन्दिर में मन्नत मांगने पहुचे । जो सुबह 4 बजे से ही दर्शन करने  सिलसिला शुरू हुआ जो देर रात तक चला रहा , शाम 5 बजे तक  मन्नत पूर्ण होने वाले जोड़ो की 534 संख्या रही ।  

*भक्तो की लगी भीड़* 
लिंगेश्वरी माई के दर्शन करने हजारो की संख्या में भक्त जन कतारबद्ध होकर माँ के दर्शन किये श्रद्धालुओं की अत्याधिक भीड़ देखते हुये 10 जगहों पर बैरिकेट्स लगाकर भक्त जनो को दर्शन करवाया गया क्षेत्र के जनप्रतिनिधियो, विविध सगंठन और स्थानीय भक्तों द्वारा दर्शनार्थियों के लिए बुंदी, खिचड़ी प्रसाद का वितरण किया गया । 


 *पेयजल की व्यवस्था जगह-जगह* 
स्थानीय समिति और श्रद्धालुओं द्वारा की गई  लिंगेश्वरी मेले को सफल बनाने के जिला स्तर के अधिकारी एक दिन पुर्व से डटे रहे लिंगेश्वरी मंदिर समिति और ग्राम पंचायत आलोर जनपद पंचायत और समस्त ग्राम वासियो का विशेष योगदान रहा  तद्पश्चात गायता पुजारी द्वारा मंदिर के गर्भ ग्रह और परिसर की साफ सफाई कर मुख्य द्वार को पत्थरो से एक वर्ष के लिए बंद किया गया मंदिर समिति , समस्त ग्रामवासियो ने भव्य आयोजन के लिए सभी के प्रति आभार वयक्त किया ।
       
    *मिला सन्तान सुख*
बता दे कि मन्नत पुर्ण होने वाले श्रद्धालुओ में लखन ठाकुर तोकापाल निवासी विवाह के 9 वर्ष बाद दर्शन पश्चात 2018 में सन्तान की प्राप्ति हुई, और वही मध्यप्रदेश राज्य के जिला रीवा ग्राम अटरिया निवासी  रमेश कुमार द्विवेदी को विवाह के 9 साल बाद माई दर्शन पश्चात 2018 में सन्तान की प्राप्ति हुई है,  साथ ही  श्याम सुंदर कश्यप निवासी केशरपाल दहीकोंगा का विवाह 18 साल पहले हुआ था पिछले 2018 में दर्शन पश्चात इस वर्ष संतान सुख के साथ माँ लिंगेश्वरी दर्शन के लिए आया हु टेकने पश्चात सन्तान की प्राप्ति हुई है ।  
  

*एक दिन खुलने वाली गुफा में रहती है सामाजिक समरसता* 

माँ लिंगेश्वरी मंदिर के पट खिलने से पूर्व से लेकर बन्द होने तक सभी समाज के लोगो की अलग अलग जिम्मेंदारिया बटी हुई है जिसमे यादव समाज के द्वारा मंदिर स्थल में खीर और आटे बना कर चढाया जाता है माली समाज के द्वारा फुल की व्यवस्था कुम्हार समाज के द्वारा हंडी दीया धुप आरती की व्यवस्था अंधकुरी समाज के द्वारा बाजा मोहरी बजाया जाता है एवं अन्य समाज को भी अलग अलग जिम्मेदारी दी जाती है समस्त समाज द्वारा अपने कार्यो का निर्वाह किया जाता है उसी के पश्चात लिंगई मेला सम्पन होता है ।

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