मंदिर की जमीन बचाने को उठाई थी आवाज, दबंगों ने बना दिया डाकू- मलखान सिंह

माता-बहनों का सम्मान कर चरित्रवान बनने का युवाओं सेआह्वान किया




प्रमेन्द्र अस्थाना
वृंदावन।कभी चंबल के बीहड़ों में नामी दस्यु सम्राट के नाम से प्रख्यात रहे मलखान सिंह धर्म नगरी में पूरी तरह से धार्मिक रंग में रंगे हुए दिखाई दिए। नगर के विभिन्न प्रमुख मंदिरों में दर्शन और संतजनों से मुलाकात के बाद मंगलवार को रमणरेती क्षेत्र स्थित एक होटल में पत्रकारों से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं उससे उनका मन काफी खिन्न है। कहा कि ऐसी पीड़िता को मुआवजा देने की मांग उठती है जो गलत है। मुआवजा तो जमीन और फसल के ऊपर दिया जाता है, बलात्कार पर नहीं। ऐसे अपराध करने वाले आरोपी को मौत की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने युवाओं से माता-बहनों का सम्मान करते हुए चरित्रवान बनने का आह्वान किया।

मंदिर की जमीन बचाने को उठाई थी आवाज, दबंगों ने बना दिया डाकू
पूर्व दस्यु सम्राट मलखान सिंह ने अपनी पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा कि छोटे किसान का बेटे होने के कारण उन्हें झूठे केसों में फंसाया गया। वे अपने पैतृक गांव विलाव (भिंड) में रामजानकी मंदिर की 100 बीघा जमीन को दबंगों के कब्जे से मुक्त कराने के लिए आवाज उठा रहे थे। इसलिए दवंगों ने उन्हें झूठे मुकदमों में फंसा दिया। उनके पास धन और राजनीति नहीं थी, लेकिन दबंगई और कट्टरपन था। जब शासन-प्रशासन में उनका आवेदन और निवेदन खारिज हुआ तो फिर उन्हें दनादन (गोली-बंदूक) पर आना ही पड़ा और विवश होकर चम्बल में उतर गए।

आज देश में राजनीति नहीं रह गई है

सक्रिय राजनीति में आने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि आज देश में राजनीति नहीं रह गई है। कहा कि हम जैसे बागियों को तो डाकू बना दिया लेकिन खादी पहने कुर्सी पर बैठे इन डाकूओं को कब सजा मिलेगी। कहा कि जब तक कुर्सी पर बैठे ये डाकू नष्ट नहीं होने तब तक हमारे सीने में ये कष्ट बना रहेगा। गाय की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि देश में गोवंश के कटान पर पूरी तरह से रोक लगनी चाहिए। हालांकि मोदी योगी सरकार में इस पर काफी हद तक प्रतिबंध लगा है लेकिन अभी इस पर कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है। कहा कि जब तक गोवंश का खून सड़क पर बहता रहेगा तब तक देश में शांति नहीं रह सकती।

इस अवसर पर स्वामी शांतनु दास, महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट, अशोकप्रताप सिंह, नरेश पाल सिंह एवं जितेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे।


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