रोका-छेका की परम्परागत पद्धति को सुव्यवस्थित कर फसलों को बचाने कलेक्टर ने ग्रामीणों से की अपील

 
 
कलेक्टर ने मगरलोड के सोनेवारा, सरगी व सिंगपुर में आयोजित विशेष ग्रामसभा की बैठक में  ग्रामीणों को दी समझाइश
 

धमतरी 19 जून 2020। राज्य शासन के रोका-छेका कार्यक्रम के क्रियान्वयन का जायजा लेने कलेक्टर  जयप्रकाश मौर्य ने मगरलोड विकासखंड के ग्राम सोनेवारा, सरगी तथा सिंगपुर का दौरा कर वहां आयोजित विशेष ग्राम सभा में हिस्सा लेकर ग्रामीणों से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने बताया कि रोका छेका प्रदेश के ग्रामीण परिवेश की प्राचीन परंपरा है और इसका उद्देश्य गौवंशों को गोठान में सुव्यवस्थित ढंग से रखरखाव के साथ फसलों की चराई से रोकना है। इसका आशय न सिर्फ गौठानों का समुचित प्रबंधन करना है बल्कि चारागाह में चरवाहों की निगरानी में फसल को बिना नुकसान पहुंचाए चारा उपलब्ध कराना है। इस दौरान ग्रामीणों ने शासन की इस पहल का स्वागत करते हुए छेका-रोका के साथ गौठान का समुचित प्रबंधन करने व फसलों को बचाने की सहमति दी।

कलेक्टर श्री मौर्य  मगरलोड ब्लाॅक की ग्राम पंचायत सोनेवारा पहुंचे, जहां पर गौठान में आम के पौधे रोपकर इसकी शुरूआत की तथा ग्रामीणों को आम, कटहल, केला, जामुन तथा अमरूद के डेढ़ सौ पौधे वितरित किए। उन्होंने गौठान में पशु शेड तैयार करने के निर्देश दिए। इस दौरान बताया गया कि पंचायत के द्वारा गौठान में स्थानीय पत्थरों से बाउण्ड्री वाॅल तैयार की गई है, जिसकी कलेक्टर ने प्रशंसा की। रोका-छेका से निश्चित तौर पर पशुओं का बेहतर ढंग से प्रबंधन संभव हो सकेगा। यह कोई नवाचार नहीं, बल्कि प्रदेश की पुरानी परम्परा है, जिसके क्रियान्वयन से गांवों की तस्वीर बदल सकती है। उन्होंने शासन की योजनाओं का लाभ लेने की अपील मौजूद ग्रामीणों से की। जिला पंचायत की सी.ई.ओ. नम्रता गांधी ने कहा कि गौठान सिर्फ आय का जरिया नहीं है बल्कि संसाधनों का समुचित प्रबंधन है। इससे होने वाले अप्रत्यक्ष लाभ के बारे में उन्होंने ग्रामीणों को संक्षिप्त जानकारी दी।

तत्पश्चात् ग्राम पंचायत सरगी के नवनिर्मित गौठान में कलेक्टर पहुंचे, जिसकी संरचना को देखकर वे काफी प्रसन्न हुए। गौठान का शुभारम्भ करने के बाद उन्होंने वहीं पर चैपाल लगाई तथा ग्रामीणों को रोका-छेका के बारे में जानकारी दी। इस दौरान कुपोषित बच्चों की संख्या के बारे में पूछने पर बताया गया कि ऐसे बच्चों की संख्या 22 है। कुपोषण की स्थिति पर कलेक्टर ने आश्चर्य करते हुए ग्राम की सरपंच तथा सेक्टर सुपरवाइजर को कार्ययोजना तैयार करने की बात कही। साथ ही गाय का दूध इन बच्चों को दिलाए जाने पर जोर दिया। इस अवसर पर एसडीएम कुरूद श्रीमती योगिता देवांगन, सहायक संचालक उद्यान श्री डीएस कुशवाह सहित संबंधित विभाग के अधिकारीगण तथा पंचायत प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

इसके उपरांत कलेक्टर ने ग्राम पंचायत सिंगपुर में जाकर आंगनबाड़ी केन्द्र कमारपारा क्रमांक-02 में सुपोषण अभियान के क्रियान्वयन के बारे में जानकारी ली। बताया गया कि इस केन्द्र में कुल 41 बच्चे दर्ज हैं, जिनमें से दो बच्चे खिलेन्द्र और कु. काव्या गम्भीर कुपोषित पाई गईं, जिनकी माताओं को उन्होंने सुपोषण टोकरी भेंट की तथा उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए कलेक्टर ने टिप्स भी दिए। उल्लेखनीय है कि आज ग्राम पंचायतों में विशेष ग्रामसभा का आयोजन कराया गया, जहां पर रोका-छेका के तहत कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन तथा मछलीपालन विभाग द्वारा विभागीय योजनाओं एवं गतिविधियों की जानकारी ग्रामीणों को दी गई। इसके अलावा उद्यानिकी विभाग द्वारा चारों विकासखण्ड में स्थित गौठानों तथा विभिन्न ग्राम पंचायतों में 275 हितग्राहियों को कुल 4260 पौधे निःशुल्क वितरित किए गए। इसी तरह पशुपालन विभाग द्वारा नौ ग्राम पंचायतों व गौठानो में पशु चिकित्सा शिविर लगाकर पशुधन एवं गौवंशों का उपचार कराया गया।

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