आरती गुप्ता
नगरी।अधिकारियों की मिलीभगत कहे या फिर लापरवाही से क्षेत्र के सड़कों की हालत खराब है। अधिकारियों द्वारा अपने चेहते ठेकेदारों को फायदा पहुचने कई प्रकार के हड़कण्डे अपनाया जा रहे है, जो जांच का विषय है ।अधिकारी की मनमानी से सिहावा क्षेत्र की सड़कों की हालत बद से बदतर हो गई है जहाँ पर लोग अपनी जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर है। पर इसकी चिंता ना ही अधिकारियों को है ना ही जनप्रतिनिधियों को ।स्वयं लक्जरी गाड़ियों में धूमते है और जनता इन सड़कों में हिचकोले खाते।
नगरी से सिहावा पहुचने वाला मुख्य मार्ग विगत दो माह से सोनमंगर के पास क्षतिग्रस्त है,जिसकी पूर्ति करने का ख्याल भी लोकनिर्माण विभाग को नही है ।इस विभाग के अधिकारी केवल टेबल पर बैठ तमाशबीन बने हुए है क्षेत्र में ऐसे कई मार्ग है जिनका उदाहरण दिया जा सकता है जो सरकारी नियमानुसार पांच साल भी नही चल पाए है और कुछ दिनों में ही हालत दयनीय हो गई है। अधिकारियों के मिलीभगत और लापरवाही से रोड निर्माण में लगे ठेकेदार फलफूल रहे है ।आवाज उठाने पर भी इन पर आज तक कोई कार्यवाही नही होना इन्हें निर्भीक बनाया है। इनके हौसले बुलंद है और इनकी लापरवाही का नतीजा क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ता है जो इस मार्ग पर हिचकोले खाते चलने पे मजबूर है।
नगरी सिहावा मुख्यमार्ग में सोनामंगर के पास पिछले दो माह से पुल क्षतिग्रस्त हो गया हैं मोटरसाइकल और छोटे चार पहिया वाहन को सिहावा पहुचने के लिए केवल देऊरपारा से होकर गुजरना पड़ता है लेकिन लोकनिर्माण विभाग के द्वारा आज पर्यन्त तक इस मार्ग की देखरेख नही की गई है ।विभाग ने रपटा के पास कुछ मुरुम डालकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। इस मार्ग पर कई जगहों पर बड़े बड़े गड्ढे हो गए है जिसमे आए दिन दुर्घटना की संभावना बनी हुई है। इन गद्दों में गिर जाने से किसी की जान तक जा सकती है पर इसकी चिंता कोई नही कर रहा है। क्षेत्र के अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि इस मामले पर मूकदर्शक बने हुए हैं। डीही से हरदीभाठा देवपुर पहुँचमार्ग का भी बुरा हाल है कई बार इसकी भी शिकायत लोगो द्वारा की जा चुकी है पर भी आज तक इस सड़क की स्थिति नही सुधर पाई है ।आज भी इस मार्ग में लोग जान हथेली पर लेकर चलने को मजबूर है जबकि कई बार सड़क का टेंडर हो चुका है कई ठेकेदार इस सड़क को बना चुके फिर भी सड़क की स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है।
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