18 नवम्बर को मनेगा तीसरा प्राकृतिक चिकित्सा दिवस




इन्दौर। एडवांस्ड योग एवं नेचुरोपैथी हाॅस्पिटल ग्रेटर ब्रजेश्वरी, पिपलियाहाना, इन्दौर पर  18 नवम्बर को तीसरा प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाया जायेगा। नेचुरोपैथी यानी प्राकृतिक चिकित्सा उपचार के लिये मुख्य रूप से पानी, मिट्टी, हवा, तेल, दूध इत्यादि तत्वों का प्रयोग किया जाता है। डाॅ. ए.के. द्विवेदी के अनुसार ‘‘मिट्टी-पानी और हवा हर रोगों की यही दवा’’ इसके अन्तर्गत मड बाथ, मिट्टी की पट्टी, वेट शीट पैक (गीली चादर लपेट) हाॅट आर्म एवं फूट बाथ (गर्म पाद स्नान) सन बाथ (सूर्य स्नान), कटि स्नान, स्टीम बाथ, एनिमा, स्पाईन स्प्रे बाथ, शिरोधारा के साथ-साथ उपवास, दूध कल्प, फलाहार, रसाहार, जलाहार इत्यादि द्वारा इलाज किया जाता है। इसके द्वारा हम जोड़ों का दर्द (गठिया), अर्थराईटिस, स्पाॅन्डिलाईटिस (स्पाईन का दर्द), साईटिका (नसों का दर्द), पाईल्स-फिशर-फिश्चुला, कब्ज, गैस, एसिडिटी, अल्सर, माईग्रेन, मोटापा, डायबिटीज, कमजोरी, दमा (अस्थमा), ब्रोन्काईटिस, निमोनिया, सीओपीडी के साथ-साथ डिप्रेशन, अवसाद, एंग्जाईटी, अनिद्रा, सहित ऐसी कई बीमारियाँ जिनका इलाज अन्य चिकित्सा पद्धति द्वारा पूरी तरह से सम्भव नहीं हो पाता है, प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा किया जाता है।

कोरोना ने लोगों को समझाया कि, यदि स्वस्थ रहना है तो प्रकृति का  साथ अपनायें, पिज्जा, बर्गर, छोड़कर रोटी, सब्जी खायें। डाॅ. द्विवेदी ने बताया कि, शहर के मध्य लोगांे को पूरी तरह से कोविड प्रोटोकाॅल कापालन करते हुये विशेषज्ञ चिकित्सकांे द्वारा मरीजों की पूरी केयर की जारही है। यहाँ पर प्राकृतिक चिकित्सक, डाॅ. जितेन्द्र कुमार पुरी, आयुर्वेदिक चिकित्सक डाॅ. ऋषभ जैन एवं मनो चिकित्सक डाॅ. वैभव चतुर्वेदी सभी मरीजों का जाँच कर समूल चिकित्सा प्रदान करते हैं। डाॅ. द्विवेदी ने बताया कि जिस तरह से नव ग्रह होते हैं, उसी तरह से नौ रिचार्जिंग ब्रीदिंग के द्वारा लोगों के फेफड़ों को मजबूत किया जाने का कार्य यहाँ से किया जा रहा है।

प्राण चिकित्सा (वायु-श्वास) के द्वारा पूरे देश सहित विश्व के अनेकों देशों से आये मरीजों में हीमोग्लोबिन (रक्त) बढ़ाया जा रहा है। डाॅ. द्विवेदी बताते हैं कि रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) बढ़ाने में प्राकृतिक तत्त्वों का काफी महत्वपूर्ण योगदान है।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इन्दौर सांसद  शंकर लालवानी जी, विशेष अतिथि डाॅ. वैभव चतुर्वेदी, असिस्टेंट प्रोफेसर (साइकाइट्री) इण्डेक्स मेडिकल काॅलेज, विशिष्ट अतिथि डाॅ. भूपेन्द्र गौतम म.प्र. मुख्यमन्त्री के पूर्व प्रेस अधिकारी एवं अपर सचिव, जनसम्पर्क (से.नि.) होंगे तथा अध्यक्षता डाॅ. ए.के. द्विवेदी सदस्य, आयुष मन्त्रालय, भारत सरकार करेंगे। 

उक्त अवसर पर लोगों को निःशुल्क तरीके से पाँच (मिट्टी पट्टी, गीली चादर लपेट, हाथ-आर्म फूट बाथ, स्टीम कटि स्नान, शिरोधारा) प्रकार के प्राकृतिक उपचार कराये जायेंगे।प्राकृतिक चिकित्सा पूरी तरह से जीवन विज्ञान भी है। जिसके द्वारा रोगग्रस्त व्यक्ति के रोगों का नाश होता है एवं स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा की जाती है।

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