छठ पूजा: डूबते सूर्य को दिया अर्ध्य, उगते सूरज को अर्ध्य देने के बाद व्रत होगा समाप्त

 


धमतरी।छठ व्रत को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। जिसमें महिलाएं अपने सुहाग और संतान की मंगल कामना के लिए 36 घंटों का निर्जला व्रत रखती है ।छठ पूजा का प्रारंभ चतुर्थी तिथि को नहाए खाए से होता है और सप्तमी के दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त हो जाता है ।शुक्रवार की शाम डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया गया । छठ महापर्व का तीसरा दिन शुक्रवार को रहा शाम को डूबते सूर्य की उपासना की गई और सूर्य देव को पहला अर्घ्य दिया गया।अर्ध्य देने से पहले सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की गई ।छठ व्रत को सबसे कठिन रूपों में से एक माना जाता है। 


धमतरी में भी उत्तर भारतीयों द्वारा यह पर्व मनाया जा रहा है। इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए आमा तलाब में अपेक्षाकृत कम भीड़ नजर आई। कुछ लोग अपने घरों में ही पूजा पाठ कर रहे हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सायंकाल में सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं इसलिए छठ पूजा में शाम के समय सूर्य की अंतिम किरण प्रत्युषा को अर्ध्य देकर उसकी उपासना की जाती है ।कहा जाता है कि इससे व्रत रखने वाली महिलाओं को दोहरा लाभ मिलता है ।जो लोग डूबते सूर्य की उपासना करते हैं उन्हें उगते सूर्य की उपासना जरूर करनी चाहिए।



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