किसानों की समस्या के ज्ञापन को कलेक्टर द्वारा नहीं लेने से नाराज भाजपाइयों ने वहीं चस्पा किया

 


 कलेक्टर को ज्ञापन देने 2 घंटे धरने पर बैठे रहे भाजपाई

धमतरी। किसानों की समस्या को लेकर पहुंचे भाजपाइयों को कलेक्टर की नाराजगी का सामना करना पड़ा। कलेक्टर के ज्ञापन नहीं लेने की स्थिति में उन्होंने ज्ञापन को सामने गेट पर चस्पा कर लौट आए ।इसके पूर्व वे कलेक्टर को ही ज्ञापन देने की मांग पर गेट के सामने लगभग 2 घंटे तक विधायक के साथ धरना पर बैठे रहे। कलेक्टर जब लौटे तो वह केबिन में ज्ञापन लेना चाह रहे थे लेकिन भाजपाई वही गेट के पास ज्ञापन देने की मांग पर अड़े हुए थे।

भाजपाईयों का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा समितियों के माध्यम से धान खरीदी की जा रही है उसमें किसानों को धान बेचने हेतु विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है गांव में अनेक किसान अभी तक टोकन सिस्टम में अव्यवस्था का शिकार होते हुए अभी तक अपनी पारी का इंतजार कर रहे हैं वही बारदाना का अभाव खरीदी व्यवस्था पर ही प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहे हैं यदि किसी रूप में किसान अपनी उपज को बेचने में सफल हो जा रहा है तो उसे भुगतान में काफी लेटलतीफी हो रही है पूरी खरीदी व्यवस्था में कभी कंप्यूटर सर्वर डाउन का सामना करना पड़ रहा है ऐसी सभी अव्यवस्थाओं को लेकर भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा द्वारा जनपद कार्यालय धमतरी से कलेक्टर कार्यालय तक पैदल मार्च निकालकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौपा जाना था। 

इस अवसर पर विशेष रुप से उपस्थित विधायक रँजना साहू ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के 2 वर्ष आर्थिक रूप से अर्थव्यवस्था को खोखला कर दिया है सरकार धान खरीदी में अक्षम साबित हो रही है चुनाव के समय घोषणा पत्र में की गई किसान के संबंध में वादे अधूरे हैं अब समय आ गया है कि किसानों को अपने हित के लिए आगे आकर सड़क की लड़ाई लड़नी पड़ेगी ।

 

रास्ता रोकने की बात पर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर की, भाजपाई आक्रोशित

2 घंटे तक धरना में बैठे भाजपाई कलेक्टर के पहुंचने पर उन्हें ज्ञापन देना चाह रहे थे लेकिन कलेक्टर जेपी मौर्य ने टीआई से संदेश भिजवाया कि वे केबिन में ज्ञापन लेंगे।भाजपाइयों के नहीं मानने पर कलेक्टर दूसरी गेट से अंदर पहुंचे और वहां से सीधे धरना स्थल के गेट पर आकर कहा कि इस तरह से कलेक्टर का रास्ता रोकना गलत है।फिर भाजपाई जमकर नारेबाजी करने लगे। कलेक्टर ने पुलिस वालों को कहा कि इनकी वीडियोग्राफी कर उन्हें दिया जाए। इसके बाद कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए और राज्यपाल से इसकी शिकायत करने की बात भी कही।




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