डाॅ.द्धिवेदी के निवेदन पर मध्य प्रदेश सरकार ने माना कोविड संक्रमण में कारगर है - इंटीग्रेटेड ट्रीटमेंट



डॉ द्धिवेदी   ने (कोविड19 कोरोना ) आपदा को -  निःशुल्क सेवा का अवसर बनाया एवं हजारों लोगों को स्वास्थ्य लाभ, सुविधाएं  पहुँचाया



इन्दौर।  पिछले साल जब कोविड अत्यधिक फैल गया था, उस समय  मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आयुष चिकित्सा पद्धतियों का सहयोग लेने के लिये निवेदन किया था। डाॅ. द्धिवेदी की सलाह से प्रदेश भर में काढ़ा एवं होम्योपैथी दवाईयाँ वितरित की गयी थी एवं योग का भी सहयोग लिया गया था। इस वर्ष भी मार्च के आखिरी व अप्रैल 2021के प्रथम-द्वितीय सप्ताह में अनियंत्रित संक्रमण की दर को देखते हुये डाॅ. द्विवेदी ने मध्य प्रदेश शासन को दिनांक 17.04.2021 पत्र लिखकर माननीय मुख्यमंत्री, आयुष मन्त्री  रामकिशोर कांवरे अयुक्त  आकाश त्रिपाठी  एवं  आयुष आयुष विभाग को याद दिलाने का प्रयास किया ।उनके इस सार्थक प्रयास को सफलता मिली और अब प्रदेश में काढ़ा भी वितरित किया जायेगा एवं लोगों को निःशुल्क आनलाईन योग प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।


डाॅ. द्धिवेदी एक वर्ष से भी अधिक समय से कोरोना कोविड19 के मरीजों एवं उनके परिजनों  को हर सम्भव सहायता निःशुल्क कर रहे हैं। डाॅ. द्धिवेदी बताते हैं कि, पिछले वर्ष म.प्र. के कोरोना हेल्पलाईन के लिये कार्य करते थे। कोरोना हेल्पलाईन पर कार्य करने से पूरे प्रदेश के लोगों का सहयोग किया। डाॅ. द्धिवेदी जो कि होम्योपैथी मेडिकल काॅलेज में प्रोफेसर एवं हेड आफ  डिपार्टमेंट हैं और खुद का निजी होम्योपैथी चिकित्सालय भी है लेकिन लाॅकडाउन के समय काॅलेज और चिकित्सालय बन्द हो जाता है तो घर से ही सभी को फोन (मोबाइल) के द्वारा निःशुल्क हर सम्भव सहायता (सुझाव) उपलब्ध कराते हैं।डाॅ. द्धिवेदी -  प्रशासन, अस्पताल संचालकों व अन्य चिकित्सकों की मदद से मरीजों को बेड दिलाना, भर्ती कराना, आक्सीजन  व भोजन  इत्यादि उपलब्ध कराने जैसी हर सम्भव सहायता निःशुल्क उपलब्ध कराने में मदद करते हैं।


पिछले वर्ष दिनांक 25 मार्च 2020 से लाॅकडाउन लगा, अप्रैल 2020 से सीएम हेल्पलाईन, कोरोना हेल्पलाईन के लिये कार्य करना शुरू किया,वहाँ से जो आदत लगी आज तक सहायता का वह सफर मोबाइल पर अनवरत जारी है, सुबह 6 बजे से फोन बजना शुरू हो जाता है रात के 12ः30 बजे तक बजता रहता है।  सरोज द्धिवेदी बताती हैं कि, कई बार रात में सोने के बाद भी जटिल (सीरियस)मरीजों का फोन रात में 2 बजे 3 बजे भी आ जाता है, उन्हें उसी वक्त फोन पर सभी प्रकार की उचित सलाह एवं अस्पताल में व्यवस्था, चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराते हैं।

 उनकी बेटी कोमल द्धिवेदी जो कि पिछले वर्ष कोरोना हेल्पलाईन के समय भी सहयोग किया करती थीं, उनके कई सारे स्कूल - काॅलेज  क्लासमेट्स के परिवार जन जब भी बीमार पड़े तब उन्हें फोन पर मदद किया तथा इलाज और आवश्यक वस्तुयें पहुँचाने में भी मदद की। बेटा अथर्व द्धिवेदी जो कि एमबीबीएस सेकेण्ड प्रोफ के छात्र हैं, ने भी चिकित्सा छात्र होने के कारण उनके बहुत सारे स्कूल फ्रेण्ड्स (क्लासमेट) जो कि सेंटपाल स्कूल में पढ़ते थे, उन्हें और उनके परिवार वालों को कोरोना समय में निःशुल्क मदद किया,सेवा प्रदान की।


दामाद डाॅ. वैभव चतुर्वेदी जो कि मनोरोग चिकित्सक हैं तथा इण्डेक्स मेडिकल काॅलेज में सहायक प्राध्यापक हैं, पूरे वर्ष से लोगों की निःशुल्क काउंसिलिंग कर रहे हैं। ऐसे मरीज जिनके परिवार में कई लोग संक्रमित हो जाते हैं उन्हें नींद नहीं आती या डर सताने लगता है, बीमारी का एवं डेथ (मरने) का, उन्हें फोन पर निःशुल्क काउंसिलिंग के माध्यम से ठीक कर रहे हैं। बड़ी बेटी कनक जो एमबीबीएस डाॅक्टर है, लोगों का वीडियो काॅलिंग के माध्यम से हौसला बढ़ाने एवं ब्रीदिंग एक्सरसाइज (श्वसन क्रिया) कराकर लंग (फेफड़ों) को बेहतर बनाने में सहयोग प्रदान कर रही हैं। पूरा परिवार ही कोरोना के कठिन समय में लोगों की निःशुल्क सेवा करने में लगा हुआ है।



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