फिर दो गेट खुलने से नवागांव एनीकट में डेढ़ फीट पानी कम,5 दिन पहले लबालब था एनीकट

 


इसी तरह बहता रहा तो एक सप्ताह में फिर खाली हो जाएगा नवागांव एनीकट

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मगरलोड। त्रिवेणी संगम से आधा किलोमीटर ऊपर सोंढूर पैरी नदी पर सन 2015 में नवागांव एनीकट का निर्माण किया गया है। सप्ताह भर पहले एनीकट में लबालब पानी था।एनीकट में लबालब पानी भरने से नवागांव,बुडेनी, चौबेबांधा,राजिम,सिधौरी सहित दर्जनों गांवो लाभान्वित होते थे।परंतु रविवार को अचानक नदी में पानी कम हो गया है। एनीकट के दो गेट से पानी तेज रफ्तार से बह रहा है। इनके अलावा चार पांच ऐसे गेट है जिनमें कम मात्रा में पानी निकल रहा है। उन दोनों गेट से तेज गति से जल बहने के कारण लगातार एनीकट का जलस्तर घटते जा रहा है।


 उल्लेखनीय है कि इस वर्ष महाशिवरात्रि के बाद भी गेट को खुला छोड़ देने से एनीकट का पानी तेजी से बह गया और यह मिनी जलाशय पूरी तरह से सूख गया तथा करोड़ों रुपया का एनीकट पानी विहीन हो गया था जिसके कारण राजिम शहर के अलावा आसपास के तकरीबन कई गांव का जलस्तर तेजी से नीचे चला गया। जिससे पानी की समस्या आ पड़ी थी। जिसे देखते हुए स्थानीय लोगों ने शासन प्रशासन से मांग की थी कि शीघ्र एनीकट में जल भरा जाए।


राजिम विधायक अमितेश शुक्ला एवं जल संसाधन विभाग गरियाबंद के मुख्य कार्यपालन अभियंता ने लोगों की तकलीफ को समझते हुए निस्तारी की समस्या ना हो करके सिकासेर जलाशय से पानी छोड़ा और इसी महीने के 4 मई को पानी नवागांव एनीकट पहुंचा। पश्चात  देखते ही देखते पानी से लबालब हो गया और वाटर लेवल ऊपर उठ गया तथा मनमोहिनी दृश्य नगर की सुंदरता में चार चांद  लगा दिए। जो कोई भी इस ओर से गुजरा वह तारीफ करना नहीं भूला। परंतु फिर से एनीकेट का गेट खोल दिया गया है इससे पानी लगातार बह रहा है।


 ज्ञात हो कि इस एनीकेट का देखरेख जल संसाधन विभाग धमतरी के द्वारा होता है गेट बंद करने व खोलने का काम भी वहीं से होती है। स्थानीय रहवासी बेवजह गेट खोले जाने से आक्रोशित है। चूंकि अभी भीषण गर्मी चल रही है। ऐसे समय में पानी की ज्यादा आवश्यकता होती है। मानसून आने में देरी है और गेट को खोलना कहीं से भी उचित नहीं है। लोगों ने बह रहे पानी को शीघ्र बंद करने की मांग की है। इस संबंध में धमतरी जल संसाधन विभाग के अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन नहीं हो पाया।



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