किसान विकास के लिए मील का पत्थर है ’राजीव गांधी किसान न्याय योजना: मुख्यमंत्री बघेल

 

▶ राजीव गांधी किसान न्याय योजना-2020 में साल भर के भीतर 18.45 लाख किसानों को चार किस्तों में 5 हजार 628 करोड़ रूपए की पूरी राशि का भुगतान


▶ प्रदेश में विगत दो वर्षों में किसानों की संख्या 5 लाख 50 हजार बढ़ी


 रायपुर। ’लोकवाणी’ की 18वीं कड़ी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कोरोना संकट को देखते हुए कुछ लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया था कि इस वर्ष खरीफ 2021 में धान बेचने वाले किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। कोरोना के कारण देश और प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर निश्चित तौर पर बुरा असर पड़ा है। लेकिन मैंने स्पष्ट कहा कि इसका नुकसान किसानों को नहीं होने देंगे। इस तरह हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना 2021 के लिए बाकायदा बजट में 5 हजार 703 करोड़ का प्रावधान किया है और विगत वर्ष की तरह ही 21 मई अर्थात राजीव जी के शहादत दिवस पर, ठीक पिछली बार की तरह पहली किश्त की राशि 1500 करोड़ रूपए का भुगतान किसानों के खाते में कर दिया गया। 


 मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा छत्तीसगढ़ किसानों का, खेती-किसानी का राज्य है। हमारा मानना है कि किसान खुशहाल होगा, तभी प्रदेश खुशहाल होगा। विकास की इसी दूरगामी सोच के साथ हमने छत्तीसगढ़ में 21 मई 2020 को ’राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ की शुरूआत की है। यह योजना हमारी सरकार की कृषक हितैषी सोच को साफ-साफ दर्शाती है। इससे छत्तीसगढ़ में किसानों की आय बढ़ेगी और वे आर्थिक रूप से सक्षम बनेंगे।उन्होंने कहा कि यह योजना छत्तीसगढ़ के किसानों के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। 


  हमारी सरकार के कृषक हितैषी निर्णय के फलस्वरूप प्रदेश में लोगों ने खेती में निवेश भी बढ़ाया है। यहां विगत दो वर्षों में किसानों की संख्या 5 लाख 50 हजार बढ़ी है। कई प्रदेशों में लोग जब खेती को छोड़कर अन्य काम-धंधा अपना रहे है, तब हमारे यहां किसानों की संख्या बढ़ना एक अच्छा संकेत है। इसका अर्थ है कि हमारे प्रयास किसानों के घर तक पहुंच रहे है। प्रदेश में वर्ष 2017-18 की तुलना में वर्ष 2020-21 में पंजीकृत किसानों की संख्या 15 लाख से बढ़कर 21 लाख 52 हजार, समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों का प्रतिशत 76.47 से बढ़कर 95.38 प्रतिशत हो गई है। यहां किसानों की रूचि और उत्साह के कारण ही सर्वाधिक कृषि ऋण वितरण का लक्ष्य भी हासिल किया गया है। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 56.88 मीट्रिक टन से बढ़कर 92 लाख मीट्रिक टन हो गई है। 



 मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में होने वाली बहुत सी ऐसी फसलें हैं, जिन्हें सेहत के लिए बहुत उपयोगी और औषधियुक्त माना जाता है, लेकिन उनके समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए कोई प्रणाली विकसित नहीं की गई है। ऐसी स्थिति में धान, गन्ना और मक्का के अलावा बहुत सी फसलें लेने वाले किसानों को सरकार सेे सहयोग की जरूरत है। इस बात को हमने बहुत गंभीरता से महसूस करते हुए, राजीव गांधी किसान न्याय योजना का दायरा बढ़ाया है। हम चाहते हैं कि धान के बदले अन्य निर्धारित फसलें लेने वाले किसानों को किसी न किसी प्रकार की आर्थिक मदद व उनकी फसल को बाजार में बेचने की सुविधा मिले। खरीफ 2021 से धान के साथ खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो-कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष 9 हजार रुपए प्रति एकड़ आदान सहायता राशि दी जाएगी। वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था, यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान, केला, पपीता लगाता है अथवा वृक्षारोपण करता है, तो उसे प्रति एकड़ 10 हजार रुपए आदान सहायता राशि दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वाले कृषकों को तीन वर्षों तक आदान सहायता राशि दी जाएगी।

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