मुंगेली हुआ नक्सल प्रभावित जिला, बालोद को किया गया अलग

 


रायपुर। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुंगेली जिला को SRE (सिक्योरिटी रिलेटेड एक्सपेंडीचर) जिला की सूची में शामिल किया है। जिन जिलों में वामपंथी गतिविधी बढ़ जाती है, उन्हें SRE सूची में शामिल किया जाता है। सूची में नाम शामिल होते ही मुंगेली जिला अब अब नक्सल प्रभावित जिला के दायरे में आ गया है। 

 केंद्रीय गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र लिख कर अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिला को SRE की सूची में शामिल किया गया है। इसके अलावा बालोद जिला को इस सुची से पृथक कर दिया गया है। यह 1 जुलाई 2021 से प्रभावशील हो जाएगा।

    SRE जिले में शामिल होने के बाद अब जिले को अलग बजट, पुलिसकर्मियों को अलग से भत्ता और अतिरिक्त संसाधन मिलेंगे। इसके अलावा इस क्षेत्र में काम करने पुलिस कर्मियों का नाम नक्सल प्रभावित थाने में ड्यूटी के रुप में रिकॉर्ड में दर्ज होगा। 


  मुंगेली जिले का लोरमी इलाके का एक हिस्सा मध्यप्रदेश के नक्सल प्रभावित डिंडौरी जिले से लगता है। जबकि दूसरा छोर छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कवर्धा जिले से लगा हुआ है। इन दोनों जिलों में बीते कुछ दिनों में नक्सल गतिविधियों में तेजी आई है। इसके चलते मुंगेली जिले में लगातार नक्सलियों के आने-जाने की सूचना समय-समय पर पुलिस और खुफिया विभाग को मिलती रही है। इसलिए अब इसे नक्सल प्रभावित जिला की सूची में शामिल किया गया है।

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