ज़िले के निर्यात की संभावनाएं तलाशने, बेहतर मंच और सहयोग देने एक दिवसीय एक्सपोर्ट्स कॉन्क्लेव आयोजित

 




कलेक्टर एल्मा ने निर्यात के लिए जिला प्रशासन की ओर से हर संभव मदद का दिया आश्वासन 

निर्यातकों ने साझा किए अपने विचार


धमतरी।देश की आज़ादी के 75 वें वर्षगांठ को आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा 20 से 26 सितंबर तक वाणिज्य सप्ताह के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इसी कड़ी में धमतरी ज़िला मुख्यालय में भी एक दिवसीय एक्सपोर्टर्स कॉन्क्लेव एक निजी होटल में आयोजित किया गया। ज़िला व्यापार और उद्योग केंद्र के तहत ज़िला निर्यात संवर्धन समिति द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन कलेक्टर पी.एस.एल्मा की अध्यक्षता में आहूत की गई। इस कॉन्क्लेव में ज़िले के उत्पादक, उद्यमी, लघु वनोपज प्रसंस्करणकर्ता इत्यादि मौजूद रहे।


कलेक्टर और ज़िला निर्यात संवर्धन समिति के अध्यक्ष श्री एल्मा ने अपने उद्बोधन में उपस्थित ज़िले के उत्पादक, उद्यमियों को प्रोत्साहित किया कि जिले में अच्छी संभावनाएं देखते हुए आगे बढ़कर निर्यात के क्षेत्र में आगे आएं। उन्होंने ज़िले के उत्पादकों, उद्यमियों को आश्वस्त किया कि ज़िले में विभिन्न शासकीय एजेंसियों से जो भी सहयोग अपेक्षित है उसे किया जाएगा। कलेक्टर ने इसके लिए ज़िले की शासकीय एजेंसियों को भी निर्देशित किया कि अपना हर संभव सहयोग उद्यमियों को नियम के अनुरूप ज़रूर दें। लघु उद्योग सेवा संस्थान के प्रतिनिधि  के.बी. तिरपाटे ने निर्यात प्रोत्साहन के लिए शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। मंच पर लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष श्री नितिन चितालिया, राइस मिल एसोसिएशन के  संजय राखेचा आसीन रहे। 

 इस मौके पर महाप्रबंधक, जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र सुरेन्द्र पुरी गोस्वामी ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि ज़िले में चावल, लाख, लघु वनोपज जैसे इमली बीज, हर्रा, बेहड़ा इत्यादि के निर्यात की असीम संभावनाएं हैं। अभी भी इनका निर्यात ज़िले से किया जा रहा है। मगर आज के कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य है कि ज़िले के अन्य उद्यमियों, प्रसंस्करण कर्ताओं सभी को एक मंच में लाकर विचार-विमर्श कर निर्यातकों के अनुभव का लाभ लेते हुए दूसरों को भी आगे बढ़ने प्रोत्साहित करना है। साथ ही शासकीय एजेंसियां जैसे बैंक, विभाग इत्यादि के जरिए शासकीय सहयोग की जानकारी देते हुए उनको निर्यात के लिए प्रोत्साहित करना है। प्रयास है कि एक मंच से लिए गए निर्णय से ज़िले की निर्यात की संभावनाओं को बढ़ाते हुए अर्थव्यवस्था में उनकी भागीदारी को एक बेहतर दिशा दें। 

  इस दौरान ज़िले के विभिन्न निर्यातक, जो अपना योगदान देश की अर्थव्यवस्था में दे रहे हैं, उन्होंने अपने विचार मंच से साझा किए। इसके जरिए ज़िले के उत्पादक, उद्यमियों इत्यादि को निर्यात की बारीकियों, जरूरत, संभावनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी मिली। साथ ही ज़िले के स्टेक होल्डर्स को निर्यात में आनेवाली दिक्कतों, शासन से सहयोग के तरीके के बारे में जानकारी देने लीड बैंक मैनेजर, एसबीआई और नाबार्ड के अधिकारियों ने अपनी बातें रखीं। आज के एक्सपोर्ट्स कॉन्क्लेव में ज़िले भर के 50 उद्यमी, उत्पादक, निजी उत्पादक एनजीओ, लघु वनोपज प्रसंस्करणकर्ता मौजूद रहे। इस मौके पर जिले से निर्यात किए जा रहे विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी, जिसका मुआयना कलेक्टर सहित अन्य अतिथियों ने भी किया।



  

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