अपराध और अपराधियों का सरंक्षण ही भाजपा का असल चरित्र है: कांग्रेस

 


  धमतरी। कांग्रेस ने कहा है कि अपराध और अपराधियों का संरक्षण ही भाजपा काअसल ‌चरित्र है।

  रायपुर महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराध के संदर्भ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय के बयान का कड़ा प्रतिवाद करते हुए जिला कांग्रेस कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शरद लोहाना, पूर्व अध्यक्ष मोहन लालवानी ने कहा कि  भारतीय जनता पार्टी का चरित्र सदैव महिला विरोधी रहा है। कठुआ, उन्नाव, हाथरस में भाजपा के तमाम नेता बलात्कारियों के समर्थन में खड़े थे।  कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा के 15 साल के कुशासन में छत्तीसगढ़ में 25 हजार से अधिक माताएं, बहने गायब हुई। रमन राज में ही इसी छत्तीसगढ़ में मीना खलको, मड़कम हिड़मे और झलियामार जैसी दुष्कर्म और हत्या की जघन्य घटनाएं होती रही। कमीशन-खोरी के लालच में महिलाओं के जीवन को संकट में डाला गया, नसबंदी कांड गर्भाशय कांड हुए। नाबालिक से दुष्कर्म के आरोपी को तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के सीएम आवास में संरक्षण मिलता रहा। पीड़िता के परिवार वालों पर दबाव बनाने, पीड़िता के परिजनों का अपहरण करने जैसे मामलों में भाजपा के कई दिग्गज नेता पूर्व में संलिप्त पाए गए हैं। भाजपा की पदाधिकारी मानव तस्करी के मामले में हरियाणा में पकड़ी गई, लेकिन दुखद है कि मुद्दों के दिवालियेपन से जूझ रहे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय वर्तमान सरकार पर तथ्य हीन आरोप लगा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भयमुक्त वातावरण भूपेश बघेल सरकार का कमिटमेंट है और प्रशासन अपनी जिम्मेदारी बेहतर तरीके से निभा रही है।

 


      उन्होंने ने कहा है कि भाजपा के 15 साल के कुशासन में प्रत्येक जिलों में क्राइम ब्रांच और विशेष सेल के नाम पर जमीन-मकान खाली कराने, कोचियों और तस्करों को संरक्षण देने, माफियाराज चलाने वाले अपराधियों को न केवल भाजपा नेताओं का समर्थन था, बल्कि अनेकों भाजपा नेता आपराधिक कृत्यों में शामिल रहे हैं। भूपेश सरकार में तो न केवल प्रदेश में आर्थिक समृद्धि लौटी है बल्कि कानून व्यवस्था भी चाक-चौबंद हुई है। विगत 3 वर्षों में हत्या, डकैती, बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में कमी आई है। नशे के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्यवाही से अनेकों रैकेट टूटे हैं। नक्सल मामलों में 37 परसेंट और नक्सल घटनाओं में शहादत के मामलों में 52 परसेंट की कमी आई है। सीजी कॉप के माध्यम से 12 तरह की सुविधा मोबाइल पर उपलब्ध है। चौक चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने, कंट्रोल रूम के माध्यम से निगरानी रखने और मोबाइल ऐप पर दी जाने वाली सुविधाओं से पारदर्शिता बढी है। गंभीर मामलों में कोई भी अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बाहर नहीं है।


 

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