"मुख्यमंत्री के नाम खुला पत्र":शिक्षकों को निकम्मा कहने वाले अधिकारी का विरोध"

 

धमतरी।शिक्षकों के वेबीनार में जिसमें 20000 शिक्षकों की भागीदारी थी जिसमें छत्तीसगढ़ शासन के शिक्षा विभाग के सेवावृद्धि प्राप्त आलोक शुक्ला प्रमुख सचिव शिक्षा विभाग द्वारा दिए बयान का कर्मचारी फेडरेशन धमतरी के जिला संयोजक मुकेश पांडेय ने विरोध किया है। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा है कि शिक्षक की गरिमामय  पद को निकम्मा कहना उचित नही है यह बयान बेशर्मी से भरा हुआ है। बार-बार वह स्वयं सेवा वृद्धि लेकर शिक्षा विभाग के मुखिया बने हुए हैं। उनके सेवा वृद्धि का मामला भी न्यायालय में लंबित है।

आज छत्तीसगढ़ के शिक्षा की जो दुर्दशा है उसके लिए मुखिया होने के नाते वह स्वयं जिम्मेदार है। उनकी कौन सी ऐसी योजना है जो शिक्षा को बर्बाद कर रही है वे स्वयं विचार करें। शिक्षक तीन चरणों में चयनित होकर उस पद पर पदस्थ होते हैं। शिक्षक योग्यता पास करने व शिक्षक ट्रेनिंग पास करने के बाद  व्यापम परीक्षा में वरीष्ठता होने के बाद शिक्षकों की पदस्थापना होती है । उसे दोष देना बिल्कुल गलत है।

हाई स्कूलों में हजारों पद प्राचार्य व व्याख्याता के खाली हैं। माध्यमिक शाला में प्रधान पाठक व उच्च श्रेणी शिक्षक के पद रिक्त हैं। प्राथमिक शालाओं में प्रधान पाठक नहीं है । शाला में शिक्षक की कमी व कई शालाएं शिक्षक विहीन है। इसके लिए कौन दोषी है।छत्तीसगढ़ में जो शत-प्रतिशत शिक्षा की दिशा दशा है और जो देश में सबसे नीचे पायदान में है।उसके 100% जिम्मेदारी स्वयं हैं। छत्तीसगढ़  कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन तत्काल इनको हटाने की मांग करती है।


विरोध करने वाले संगठनों में राजपत्रित कर्मचारी संघ महासचिव लक्ष्मण राम मगर, प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष कृष्णा राम साहू,  प्रदेश शिक्षक फेडरेशन जिलाध्यक्ष दयालु राम साहू, राज्य कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष खुमान सिंह ठाकुर, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष चंदूलाल चंद्राकर,  छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष नवीन चंद्राकर, डिप्लोमा इंजीनियरिंग एसोसिएशन शिवचंद्र राजहंस,  प्रदेश शिक्षक संघ लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ विनायकराव शिंदे, प्रदेश लिपिक वर्ग कर्मचारी संघ गोपाल शर्मा, अनुसूचित जन जाति सेवक संघ जिवराखन ध्रुव, कर्मचारी कांग्रेस कार्यकारी जिलाध्यक्ष संजय सिन्हा प्रांतीय महासचिव कपिल देशलहरे , पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी संघ एनआर टंडन, स्वास्थ्य एवं बहुउद्देशीय कर्मचारी संघ बसंत वर्मा, स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ श्रीमती रामशिला साहू,  वन कर्मचारी संघ दिनेश कुमार साहू, प्रदेश शिक्षक संघ दीपक ठाकुर, सहायक शिक्षक फेडरेशन हुलेश चंद्राकर, राजस्व पटवारी संघ जिवराखन कश्यप, पिछड़ा वर्ग कर्मचारी संघ वीपी चंद्रा, वाहन चालक यांत्रिकी कर्मचारी संघ जीवन दास मानिकपुरी, पशु चिकित्सा सहायक शल्गय संघ डॉ सुरेंद्र कुर्रे, राजस्व निरीक्षक संघ दीपचंद भारतीय, पॉलिटेक्निक इंजीनियरिंग अधिकारी संघ चंद्रेश देशमुख, शालेय शिक्षक संघ दिनेश पांडेय, संयुक्त शिक्षक संघ हरीश सिन्हा, शारीरिक शिक्षा व्यायाम शिक्षक संघ प्रदीप सिन्हा, स्वायत्तशासी निगम कर्मचारी संघ तरुण गजेंद्र, वन लिपिक कर्मचारी संघ दुर्गाशंकर सांडेल,व्याख्याता संघ संजय चंद्राकर ने विरोध प्रकट किया है।

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