पक्ष विपक्ष के बीच होती रही जमकर नोकझोंक
भूपेंद्र साहू
धमतरी। नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक में 11 बजे राष्ट्रगीत फिर राजगीत के पश्चात प्रश्नकाल प्रारंभ हुआ। स्पीकर के करवा चौथ व दीपावली की शुभकामनाएं देने के बाद प्रश्नोत्तरी प्रारंभ हुआ। पहले और दूसरे प्रश्न के सामान्य होने के बाद तीसरे प्रश्न में हंगामा शुरू हो गया जो 12 बजे तक चला।जिसकी वजह से आगे और प्रश्न नहीं हो पाया। इस बीच स्पीकर ने विपक्ष की गतिविधियों को देखते हुए उन्हें निलंबित भी कर दिया। आखिर में बिना विपक्ष के एकमात्र एजेंडा को पास किया गया।
शुक्रवार 14 अक्टूबर को नगर निगम में सामान्य सभा की बैठक हंगामेदार रही पक्ष और विपक्ष में जमकर नोकझोंक हुई।विभिन्न मुद्दों के साथ स्टेशनपारा वासियों का व्यवस्थापन का भी मुद्दा छाया रहा। हंगामा इतना बढ़ गया कि विपक्षी पार्षद आसंदी के सामने जमीन पर भी बैठ गए। कुछ पोस्टर भी विपक्ष द्वारा लहराए गए और उन्हें फाड़ कर फेंका गया जिसकी वजह से सत्ता पक्ष और सभापति काफी नाराज नजर आए। तीसरा प्रश्न मिथलेश सिन्हा ने उठाया कि जिला अस्पताल के सामने अवैध निर्माण पर क्या की जा रही है जिस पर रुपेश राजपूत जवाब देते हुए बताया कि पिछले कार्यकाल में जिला अस्पताल से लेकर नेहरू गार्डन तक अवैध निर्माण हुआ है इस बीच विपक्ष की नारेबाजी होने लगी। रुपेश राजपूत ने कहा कि विकास से हटकर इनका ध्येय मुद्दे को भटकाना है।शासन के दिशा निर्देश पर नियमितीकरण किया जाएगा। नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र रोहरा इस बीच कलेक्टर की रिपोर्ट दिखाई राजपूत ने कहा कि शासन के दिशा निर्देश पर कार्य करेंगे इस रिपोर्ट को आप फ्रेम बनाकर टांग लीजिए।इसी मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा शुरू हो गया।
इसी बीच भाजपा के पार्षदों ने शहर के विभिन्न मुद्दों को पोस्टर के माध्यम से दिखाना शुरू किया, जिसे स्पीकर ने हटाने कहा तभी कुछ भाजपा पार्षद इसे फाड़कर फेंकने लगे। जिसे सत्तापक्ष के पार्षदों राजेश ठाकुर,राजेश पांडे, दीपक सोनकर ने अपमान कहते हुए कार्यवाही की मांग की। इस बीच लगभग 25 मिनट तक हंगामा होता रहा।आखिरकार 12 बजे विपक्ष के बाहर चले जाने पर प्रश्नोत्तरी कार्यकाल समाप्त हो गया।12 बजे एकमात्र एजेंडा जाति प्रमाण पत्र को बिना विपक्ष के ध्वनिमत से पारित कर दिया।
शहर हित से विपक्ष को कोई लेना देना नहीं
सभा में महापौर ने कहा कि यह बैठक शहर हित के चर्चा के लिए रखा गया है। विपक्ष सवाल के बजाय हंगामा करते हैं। शहर हित में चर्चा नहीं चाहते हैं। उन्होंने परचा लहराया, पोस्टर फाड़ कर फेंकना गलत है इसमें कार्यवाही की जानी चाहिए। परचा में विकास शुल्क का जिक्र किया था। 2015 में ये ही शुल्क ले रहे हैं। रुद्री रोड में एक बाजार का 28 लाख रुपया शुल्क नहीं लिया गया था। सबसे ज्यादा खराब नेशनल हाईवे की सड़क है। गड्ढों में धूल की वजह से लोग परेशान हैं। हद तो तब हो गई जब यह रेलवे प्रभावितों को सभा में घुसाने की कोशिश कर रहे थे।
शहर हित के मुद्दों को उठाते रहेंगे
भाजपा पार्षद राजेंद्र शर्मा, नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र रोहरा, विजय मोटवानी ने कहा कि हम शहर के मुद्दों को सदन में रखना चाहते हैं लेकिन सत्ता पक्ष के लोग दिग्भ्रमित करते हैं। मिथिलेश सिन्हा ने जब मुद्दे को उठाया था तो जवाब में संबंधित विभाग के सभापति कहते हैं कि रिपोर्ट को फ्रेम में लगाकर घर में टांग लो। यह गैर जिम्मेदाराना बयान है हम इस मामले में कार्यवाही चाहते हैं। माफी मांगने की बात को लेकर हमने विपक्ष के सभी सदस्यों के साथ बहिर्गमन किया। आगे भी शहर हित के मुद्दे को उठाते रहेंगे।
विपक्ष को किया गया निलंबित
नगर निगम के सभापति अनुराग मसीह ने बताया कि प्रश्नोत्तरी 1 घंटे का था जिसमें 60 प्रश्न लिए गए थे। सिर्फ तीन प्रश्न ही हो पाए। विपक्ष के हंगामे की वजह से 12 बजे तक आगे प्रश्न नहीं लिए गए। एकमात्र एजेंडा जाति प्रमाण पत्र को पास किया गया। विपक्ष के धारा 36 का उल्लंघन करने पर 10 मिनट के लिए निलंबित किया गया।
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