मध्य प्रदेश में आयुष युनिवर्सिटी की स्थापना की माँग को लेकर राज्यपाल से मिले डाॅ. ए.के. द्विवेदी

 



इन्दौर। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इन्दौर के होम्योपैथी चिकित्सक डॉक्टर ए.के द्विवेदी से महिलाओं में एनीमिया के उपचार में होम्योपैथी चिकित्सा के योगदान पर चर्चा की। राज्यपाल ने मध्य प्रदेश में आयुष युनिवर्सिटी की स्थापना के सम्बन्ध में डॉक्टर द्विवेदी द्वारा दिये गये सुझाव पर सहमति जताई हैं। 

डाॅ. द्विवेदी ने बताया कि हानिरहित होम्योपैथी चिकित्सा विधा की ओर मरीजों की बढ़ती रूझान को लेकर प्रदेष में आयुष युनिवर्सिटी की स्थापना को लेकर लम्बे से माँग की जा रही है। 

आयुष मन्त्रालय भारत सरकार में वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य डाॅ. ए.के. द्विवेदी ने बताया कि समय के बदलते दौर में बढ़ती जटिल रोगों की समस्याओं का कारगर इलाज करती आयुष चिकित्सा पद्धति की आवष्यकता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। कोविड काल में रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर रही होम्योपैथी दवाओं की माँग बाजार मंे अचानक बढ़ गई थी। इस प्रकार अनेक जटिल रोगों में कारगर इलाज करने वाली होम्योपैथी दुनिया की दूसरी प्रमुख चिकित्सा विधा के रूप में उभरी है। 

राज्यपाल के साथ बैठक के दौरान होम्योपैथी चिकित्सा के बारे में डाॅ. द्विवेदी ने बताया कि दवाओं का चयन प्रत्येक बीमार व्यक्ति के लिए उसकी बीमारी के लक्षणों के आधार पर होता है, न कि उसे हुई बीमारी के नाम पर। इस प्रकार यदि कई व्यक्ति एक ही बीमारी से ग्रसित क्यों न हों उन्हें अलग अलग दवाएं दी जाती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि लक्षणों की अभिव्यक्ति अलग-अलग मरीजों में अलग-अलग होती है। लक्षणों की स्थिति में, उनकी तीव्रता में, विशेषता में, बदलते समीकरणों में व सम्बन्धित प्रकारों में हर मरीज की शारीरिक और मानसिक गुणों के आधार पर व्यापक तौर पर भिन्नता पाई जाती है। 


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