रेडी टू ईट को केन्द्रीयकरण कर भूपेश बघेल ने प्रदेश की लाखों महिलाओं के हितों से कुठाराघात किया: रंजना साहू

 


महिलाओं के प्रति कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर हुआ


धमतरी। छत्तीसगढ़ में चल रही रेडी टू ईट योजना से महिला स्व सहायता समूह को बाहर कर दिया गया है। यानि कि वे अब इसमें काम नहीं करेंगी। इसके चलते प्रदेश के स्व सहायता समूह की महिलाओं के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है।विधायक रंजना साहू ने बताया कि पूरक पोषण आहार व्यवस्था के तहत टेक होम राशन में रेडी टू ईट फूड निर्माण महिला स्व सहायता समूह कर रहे थे,वही इसके वितरण की जिम्मेदारी भी संभालते,जिससे इन महिलाओं का इनके परिवार का जीवन यापन होता था,योजना में आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों से लेकर किशोरियों और शिशुवती महिलाओं को तैयार भोजन दिया जाता है,अब इस योजना को सेंट्रलाइज किये जाने से प्रदेश की लाखों महिलाओं का रोजगार छीनने को है महिलाएं इस निर्णय से स्वयं को असुरक्षित एवं बेरोजगार महसूस कर रही हैं,मुख्यमंत्री ने उनके हितों से कुठाराघात किया है।


जबकि महिलाओं की चिंता करते हुए 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की सरकार द्वारा महिलाओं की चिंता करते हुए महिलाओं के लिए महिलाओं के द्वारा इस कार्य को कराने का निर्णय लेकर प्रदेश की लाखों महिलाओं को रोजगार देने की व्यवस्था की गई थी वहीं दूसरी ओर आज प्रदेश के असंवेदनशील मुख्यमंत्री अपने इस निर्णय से महिलाओं के हितों से कुठाराघात कर रहे हैं उन्हें रोजी रोटी से वंचित कर रहे हैं और महिलाओं को सड़क पर उतरने को मजबूर किया है।

एक ओर कांग्रेस चुनाव आने पर उत्तर प्रदेश में महिलाओं के उत्थान का ढोंग करती है और छत्तीसगढ़ में सरकार होने पर भी महिलाओं को रोजी रोटी से वंचित करने की तैयारी कर रहे हैं,

कुपोषण मुक्त अभियान को तन्मयता से गति देती इन महिलाओं से उनके अधिकारों का हनन करने जैसे इस निर्णय से महिलाओं में काफी रोष है,हम राज्य की भूपेश सरकार से मांग करते हैं सेंट्रलाइज करने के अपने इस अनैतिक निर्णय को वापस लेकर इन महिलाओं का रोजगार वापस दें अन्यथा जनता इस दोहरे चरित्र को पहचान कर सरकार को सबक सिखाएगी।



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