7 वर्ष की आयु से भागवत, राम कथा कर रही हैं प्राची देवी, कहा अब इसी में मन रम गया




भूपेंद्र साहू

धमतरी । गौशाला मैदान में 12 से 19 दिसंबर तक माधव राव पवार द्वारा भागवत कथा का आयोजन किया गया है। जिसमें कथावाचक प्राची देवी है। गुरूवार सुबह ऋतुराज पवार के निवास स्थान पर प्राची देवी ने पत्रकारों से सौजन्य भेंटकर उनके सवालों का जवाब दिया। 

धर्म और राजनीति के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीति धर्म को संचालित नहीं करती है। न ही आज धर्म की राजनीति होती है। धर्म तो सर्वोपरि है। संत वह है जो दूसरों को सद्मार्ग में चलने का रास्ता दिखाये। राम रहीम जैसे लोग संत नहीं होते हैं। उन जैसों के कारण ही संत बदनाम हो रहे हैं। कथा वाचन को व्यवसाय के संबंध में उन्होंने कहा कि कोई कलाकार आकर एक घंटा नाचकर लाखों, करोड़ों ले जाता है। तो जब वह धर्म उपदेश का प्रसार कर दक्षिणा लेती है तो उसमें बुरी बात क्या है। महाभारत को घर में नहीं रखने की बात पर उन्होंने कहा कि यह सिर्फ भ्रम है। महाभारत से घर में महाभारत होगा ऐसी बात नहीं है। सभी ग्रंथ घर में होना चाहिए। 

सात वर्ष की आयु से शुरू किया कथावाचन

प्राची देवी ने बताया कि उनको अपने पिता से ही प्रेरणा मिली है। उनके पिता ने वाल्मिकी रामयण में पीएचडी की है। 7 वर्ष की आयु से ही उन्होंने कथावाचन शुरू किया। आज 27 वर्ष उम्र होने तक 450 से अधिक भागवत और रामकथा कर चुकी है। उन्हें लंदन से वल्र्ड बुक रिकार्ड से प्रमाण पत्र भी मिला है। वह गृहस्थ जीवन भी जी रही है। पति के साथ 4 वर्ष की बेटी है। अपने माता पिता की वह एक अकेली संतान है। 12वीं में थी तब आईएएस का ख्वाब देखा था। कुछ तैयारी भी की, लेकिन यह क्षेत्र ही उन्हें भा गया।  

ग्रंथों की जानकारी दें

धर्मांतरण के संबंध में उन्होंने कहा कि कम पढ़े लिखे लोग ही धर्म परिवर्तन कर रहे हैं। शिक्षा का प्रसार होना चाहिए। हिन्दुओं को उनकी ग्रंथों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। लोगों को बतायें कि इस ग्रंथ के वाचन से ही जीवन में बड़ा परिवर्तन आ सकता है। 

भारतीयों को अपनी संस्कृति को पहचानना होगा

उन्होंने बताया कि 2018 में जब वह यूरोप के 5 देशों के दौरे पर गई थी। तब वहां पाया कि विदेशी कृष्ण के प्रति समर्पित हैं। वे भारतीय संस्कृति को अपना रहे हैं लेकिन हमारे भारतीय ही पाश्चात्य संस्कृति की ओर भाग रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह जो जीवन मिला है वह अमूल्य है। इसे व्यर्थ न गंवाएं। सकारात्मक सोच रखते हुए खुशहाली की जीवन जीएं। 

सोशल मीडिया के लिए सरकार को कड़े नियम लाना होगा

प्राची देवी ने सोशल मीडिया के संबंध में अपने विचार रखते हुए कहा कि इससे फायदे भी है और नुकसान भी। इसका लोग दुरूपयोग कर रहे हैं। सरकार को चाहिए कि इस पर कड़े नियम बनायें। कुछ लोग इसका उपयोग अफवाह फैलाने के लिए भी करते हैं, जो किसी भी धर्म के लिए उचित नहीं है। लोगों को चाहिए कि सोशल मीडिया में सिर्फ साकारात्मक बातें ही फैलायें। 

युवा नेता आनंद पवार ने लिया आशीर्वाद

मन को एकाग्र करने के विषय में उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति का मन चंचल होता है। यह जरूरी नहीं कि वह कथा श्रवण करते वक्त एकाग्र हो। मन को एकाग्र करने का इस कलयुग में एक ही उपाय है, भगवन का नाम लेते रहे। इससे मन को शांति भी मिलेगी।

राम और कृष्ण के बारे में उन्होंने कहा कि यह कल्पना नहीं है, यह यथार्थ है। हजारों वर्ष होने की वजह से कुछ लोगों को यह कल्पना प्रतीत होता है।




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