लोहरसी की टीम ने रचा इतिहास, सेमीफाइनल में चैंपियन नवगांव को अंतिम गेंद में हराया

 


पहली बार कोई ग्रामीण टीम मिशन मैदान में फाइनल 


शिक्षा और खेल के क्षेत्र में अपने दादा भोपाल राव की दिखती है झलक आनंद पवार में


धमतरी।आनंद पवार फैंस एवं मॉर्निंग क्रिकेट क्लब द्वारा धमतरी के मिशन मैदान में आयोजित मुख्यमंत्री ट्रॉफी में पूर्व विधायक हर्षद मेहता सहित वरिष्ठ कांग्रेस जनों गोपाल शर्मा,मदनमोहन खण्डेलवाल,विजय प्रकाश जैन,अशरफ रोकड़िया,गोविंद साहू,अमरदीप साहू,मनोज साहू एवं शिक्षक ज्योतिष विश्वास को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया,आयोजकों द्वारा अतिथियों का भव्य स्वागत किया गया एवं क्रिकेट पिच तक ले जाया गया अतिथियों ने रुद्री और सोरिद के बीच टॉस कराया।


दिन का पहला मैच रुद्री और सोरिद के बीच खेला गया जिसमें रुद्री ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया और इसे सही साबित करते हुए सोरिद की टीम को मात्र 39 रन के स्कोर पर आलआउट कर दिया। बल्लेबाजी करने आए रुद्री के बल्लेबाज तरुण दास की आतिशी पारी से रुद्री ने यह मैच मात्र 5 ओवर में ही जीत लिया।

दिन का दूसरा मैच पोस्ट ऑफिस और ब्राह्मण पारा के मध्य खेला गया।ब्राह्मण पारा ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण करने का निर्णय लिया,बल्लेबाजी करने उतरी पोस्ट ऑफिस वार्ड की टीम ने प्रदीप 26 और जयराज 48 की शानदार पारी की मदद से 10 ओवर में 6 विकेट खोकर 93 रन बनाए,जिसके जवाब में ब्राह्मण पारा की टीम मात्र 54 रन ही बना पाई,कोमल ने शानदार 34 रन बनाए लेकिन बाकी कोई खिलाड़ी दहाई के आंकड़े तक नही पहुँच पाया,8.3 ओवर में पूरी टीम पवेलियन लौट गई और पोस्ट ऑफिस वार्ड ने यह मैच जीत लिया।


अंतिम मैच प्रतियोगिता का पहला सेमीफाइनल पूर्व विजेता नवागांव और इस साल अपने प्रदर्शन से सबको अचरज में डालने वाली टीम लोहरसी के बीच हुआ,लोहरसी ने टॉस जीतकर गेंदबाजी को चुना,नवागांव के ओपनर रज़ा ने पारी की शुरुआत में शानदार रिवर्स शॉट से गेंद को सीमारेखा के बाहर पहुँचा दिया, दूसरी गेंद पर भी उन्होंने चौका मारा,लेकिन तीसरी फुलटॉस गेंद को आड़े बल्ले से खेलने के चक्कर मे बोल्ड हो गए,इसके बाद मानो विकटो की झड़ी लग गई,शोएब के 13 रनों के अलावा नवागांव के एक भी बल्लेबाज ने दहाई के आंकड़े को नही छुआ,कप्तान शुभम भी मात्र 4 रन ही बना पाए और 10 ओवर में 9 विकेट खोकर नवागांव 59 रन बना पाई।दूसरी पारी में लोहरसी के पहले दो विकेट शून्य के स्कोर पर ही गिर गए,जिससे नवागांव का मनोबल बढ़ गया और ऐसा लगने लगा कि नवागांव इस मैच में अपनी पकड़ बनाने में कामयाब हो गई।लोहरसी के स्टार बल्लेबाज लीलेश्वर भी मात्र 8 रन पर ही आउट हो गए,लेकिन उनकी जगह हुमन का बल्ला बोला और उन्होंने शानदार 28 रन बनाए।

अंतिम ओवर का रोमांच

अंतिम ओवर में जब रोमांच अपने चरम पर था तब गेंदबाजी की कमान कप्तान शुभम ने संभाली। 6 गेंदों में लोहरसी को 6 रनों की ज़रूरत थी।पहली गेंद में वेद ने 1 रन दौड़कर पूरे किए।दूसरी गेंद में प्रेमचंद ने लम्बा शॉट मारने की कोशिश की और कैच आउट हो गए।तीसरी गेंद पर भी शुभम ने दिनेश्वर को बोल्ड कर एक और विकेट लिया।अब लोहरसी को 3 गेंदों पर 5 रनों की ज़रूरत थी।बल्लेबाजी करने आए पंकज ने अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए,शुभम की गेंद पर फाइन लेग की दिशा में खूबसूरत चौका मार कर स्कोर बराबरी में ला दिया।अगली गेंद पर कोई रन नही आया।अब लोहरसी को 1 गेंद पर 1 रन की ज़रूरत थी,शुभम ने रनअप लिया और तेज गेंद फेंकी जो लेग की दिशा में वाइड हो गई और लोहरसी ने मैच जीत कर प्रतियोगिता के फाइनल में प्रवेश कर लिया।



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